Thursday, March 26, 2009

इन्टरनेट पर क्रेडिट कार्ड से भुगतान असुरक्षित होने का नवीनतम उदहारण .

भारत में भी, आजकल क्रेडिट कार्ड से हवाई जहाज़ और रेल बुकिंग का चलन काफी बढ़ रहा है. इसके अतिरिक्त, आज कई अन्य प्रकार के भुगतान भी इन्टरनेट के माध्यम से किये जा रहे हैं. सवाल शुरू से ही रहा है कि क्या इन्टरनेट का प्रयोग इस तरह के भुगतानों के सन्दर्भ में वास्तव में ही पूर्णतः सुरक्षित है ?

इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि हाँ कंप्यूटर तकनीक की दुनिया में नित नया विकास हो रहा है. और ये निश्चित ही बीते हुए कल से अधिक सुरक्षित है. तो दूसरी ओर, आप इस बात से भी निश्चिंत रहें कि कंप्यूटर तंत्र में सेंध लगाने वाले भी हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठे हैं. वे भी हर दिन नए-नए हथकंडे खोजते और आजमाते रहते हैं.

किन्तु, जिस असुरक्षा कि बात यहाँ हो रही है उसमें तो लापरवाही की हद ही हो गयी. हाल ही में, ऑस्ट्रेलिया में एक सूचना-तकनीकी कर्मचारी ने गूगल पर सर्च करते हुए पाया कि करीब 22,००० क्रेडिट कार्ड की पूरी- की- पूरी जानकारी कार्ड- धारक के नाम, क्रेडिट कार्ड नंबर, पिन, पते इत्यादि सहित उपलब्ध है. कुछ अन्य देशों के अलावा इसमें मुख्यतः अमरीका और इंग्लॅण्ड के क्रेडिट कार्ड थे. ये क्रेडिट कार्ड वीसा, मास्टरकार्ड, अमेरिकन एक्सप्रेस, इत्यादि सभी प्रमुख कंपनियों के थे. इनमें से 19००० कार्ड तो अभी भी वैध थे.

इस कर्मचारी ने वीसा और मास्टरकार्ड को तुंरत इसकी सूचना दी लेकिन आपको ये जानकार और भी आश्चर्य हो सकता है कि दोनों कंपनियों ने उससे वापिस संपर्क साधने तक की ज़रुरत नहीं समझी, 'सवारियां अपने सामान की आप जिम्मेदार हैं' वाली मानसिकता केवल भारत तक ही सीमित नहीं है. हार कर उसने पुलिस को सूचित करने का फैसला किया.

ऐसा लगता है कि यह जानकारी विभिन्न कार्ड-उपयोगकर्ताओं और कार्ड-कंपनियों के बीच की कड़ी उस किसी आउटसोर्सिंग कम्पनी के सर्वर से गूगल ने ढूंढ निकाली, जिसका प्रयोग अब वह आउटसोर्सिंग कम्पनी नहीं कर रही थी. इससे आप यह भी जान ही सकते हैं कि आपके पैसे और आपके लेनदेन की सुरक्षा को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करने वाली ये कम्पनियां वास्तव में कितनी चिंतित हैं.

इस तरह की व्यक्तिगत आर्थिक जानकारी इन्टरनेट पर यूँ ही किसी को भी मिल जाने का मतलब आप समझ ही सकते हैं. इस तरह की जानकारी इन्टरनेट पर उपलब्ध होने के पीछे जहाँ गूगल के शक्तिशाली इंजिन हैं वहीँ दूसरी ओर, वेबसाइट्स की लचर सुरक्षा भी है. जिसके चलते इस तरह की जानकारी इन्टरनेट के जंगल में यहाँ-वहाँ पड़ी रह जाती है जिसके गलत हाथों में पड़ने की पूरी आशंका बनी रहती है.

आप यदि फिर भी इन्टरनेट पर क्रेडिट कार्ड का प्रयोग करना ही चाहते हैं तो बेहतर होगा कि आपके ऐसे क्रेडिट कार्ड की अधिकतम ख़र्च सीमा बहुत अधिक न हो. ये बात अलग है कि आमतौर पर लोग अधिक से अधिक ख़र्च सीमा वाले कार्ड लेना अपनी शान समझते हैं, भले ही उन्हें इतनी अधिक सीमा की आवशयकता न हो. सुझाव है कि आप दो अलग-अलग क्रेडिट कार्ड लें और कम सीमा के ख़र्च वाला कार्ड इन्टरनेट पर लेनदेन के लिए प्रयोग करें. ताकि दुर्घटनावश यदि आपके क्रेडिट कार्ड का दुरूपयोग हो भी जाए तो आपका आर्थिक नुक्सान सीमित रहे.
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2 comments:

  1. भाई साहब हम तो सिर्फ़ डेबिट कार्ड उपयोग करते है, उनमें कितना खतरा है? इस पर भी प्रकाश डालिये ना…

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  2. हमारे लिए बढ़िया है.. हमने छोटी-छोटी रकम वाली १ से अधिक कार्ड ले रखी है.. :)

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