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फिनलैंड की संसद ने एक ऐसा कानून पास किया है जिसके चलते नियोक्ताओं को यह अधिकार होगा कि वे अपने कर्मचारियों के इ-मेल के बारे में जान सकें यद्यपि इ-मेल के पढ़ने पर रोक है. यह प्रस्ताव अभी राज्याध्यक्ष की अनुमति के लिए लंबित है.
इस अधिनियम के अनुसार, नियोक्ताओं को ये अधिकार होगा की वे भेजने वाले, पाने वाले, इ-मेल भेजने का समय और दिनांक का ब्योरा रख सकेंगे. उन्हें ये अधिकार भी दिया गया है कि वे देख सकें कि क्या इ-मेल के साथ कोई अटेचमेंट भी भेजा जा रहा है? यदि शक हो तो पुलिस को सूचना देने का अधिकार भी नियोक्ता को दिया गया है. अभी यह निश्चित नहीं है कि ये अधिनियम किस तारीख़ से लागू होगा. इस अधिनियम पर बहस के दौरान संसद के बाहर लोगों ने प्रदर्शन भी किया.
हालाँकि नियोक्ताओं के प्रतिनिधियों ने ये कहकर इसका समर्थन किया है कि इससे औद्योगिक जासूसी पर रोक लगेगी लेकिन इसके विरोधियों का मानना है कि यह अधिनियम व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है. नोकिया फोन के निर्माताओं को इस अधिनियम का घोर समर्थक माना जा रहा है जबकि नोकिया ने इससे इन्कार किया है.
भारत में इस तरह की बंदिश अभी केवल सार्वजानिक साइबर कैफे के सन्दर्भ में ही देखी गयी है.
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