LED के बारे में तो आपने ज़रूर पढ़ा-सुना होगा. आइए आज आपको एक नई तकनीक OLED के बारे में बताएँ. |
OLED का विचार तो यूँ आधी सदी से भी पुराना है किंतु इसका व्यवसायिक प्रयोग अब जाकर 2004 से होने लगा है क्योंकि इसे प्रखर होने में बहुत समय लग गया. इसकी विशेषता यह है कि इसे किसी भी सतह पर प्रयुक्त किया जा सकता है चाहे वह सपाट शीशा हो या लचीला प्लास्टिक. इसलिए कहा जा सकता है इसके प्रयोग की संभावनाएँ अपार हैं. दृश्य LED स्क्रीन के मुकाबले OLED स्क्रीन पर कहीं बेहतर दिखाई देते हैं. |
OLED का पूरा नाम है organic light emitting diode. इस तकनीक के अंतर्गत किसी भी सतह पर एक जैवि क पदार्थ लगाया जाता है जिसमें विद्युत प्रवाहित करने से जैवि क पदार्थ चमकने लगता है. इसके अतिरिक्त PLED भी प्रयुक्त होने लगा है, जिसमें जैविक पदार्थ का स्थान पोलीमर (polymer) ने लिया है. OLED की संभावनाओं की एक बानगी यहां क्लिक करके देखें, आपको अपनी आंखों पर भरोसा नहीं होगा. |
सैमसंग आज OLED का प्रयोग करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है. इसके अतिरिक्त सोनी, एल.जी. आदि दूसरी कंपनियाँ भी इसके प्रयोग में पीछे नहीं हैं. इस तकनीक का प्रयोग टी.वी. स्क्रीन, मोबाईल स्क्रीन, डिजिटल कैमरा स्क्रीन आदि में हो रहा है. ईस्टमैन कोडक व अन्य लोगों के पास इस तकनीक के प्रतिलिप्याधिकार हैं. आज सैमसंग, सोनी, एल.जी. के अतिरिक्त ड्यूपांट और जनरल इलेक्ट्रिक ग्लोबल रिसर्च जैसी दूसरी कंपनियाँ भी बड़े पैमाने पर ओलेड पैनेल बना रही हैं. |
0-----------0 |
-काजल कुमार |
Sunday, October 18, 2009
OLED एक जादुई अविष्कार है.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
अद्भुत!
ReplyDeleteबहुत ही अदुभुत, कमाल है, क्या यह लेपटाप मे भी आयेगा ? तो लेपटाप का वजन आधा हो जायेगा. सच मै यह "OLED एक जादुई अविष्कार है."
ReplyDeleteधन्यवाद,
अच्छी जानकारी दी..
ReplyDelete