पर, इसमें नुकसान ये है (संभवतः आपको भी पता होगा, फिर भी,) कि आपकी सामग्री इन्डैक्स नहीं होगी और इसे नेट पर सर्च इत्यादि के जरिए काम में नहीं लाया जा सकता.
बेहतर तरीका (100% शुद्धता सहित परिवर्तन) ये है कि फ़ाइल को ACII फ़ॉर्मेट में टैक्स्ट मोड में एक्सपोर्ट करें तथा रूपांतर नामक फ़ॉन्ट परिवर्तक से ACII से यूनिकोड में परिवर्तित करें.
विन्डोज लाइव राइटर वह साफ़्टवेयर है जिससे आप आफ़लाइन रहते हुए भी हिंदी में टाइप कर सकते हैं और बाद में सामग्री ब्लाग पर प्रकाशित कर सकते हैं.
@ Raviratlami जी,
बात आपकी एकदम दुरूस्त है, शीर्षक के अतिरिक्त सर्च इंजन कुछ भी नहीं देख पाएंगे पर 'रूपांतर' द्वारा परिवर्तित फ़ाइल का हश्र पढ़ते समय दुरूह दीखता है 100% शुद्धता की बात पर तो कोई मतभेद हो ही नहीं सकता.
हिन्दी टूलकिट के जरिए आप आफलाईन लेखन का काम कर सकते हैं और कोई परेशानी भी नहीं आएगी तथा इसे कैसे इंस्टाल किया जाए। इस संबंध में एक पोस्ट नुक्कड़ पर लगाई गई थी देखिए इसमें स्नैप शाट भी दिए गए हैं http://nukkadh.blogspot.com/2009/09/blog-post_22.html
अब यह विन्डोज लाइव राइटर क्या बला है
ReplyDeleteपर, इसमें नुकसान ये है (संभवतः आपको भी पता होगा, फिर भी,) कि आपकी सामग्री इन्डैक्स नहीं होगी और इसे नेट पर सर्च इत्यादि के जरिए काम में नहीं लाया जा सकता.
ReplyDeleteबेहतर तरीका (100% शुद्धता सहित परिवर्तन) ये है कि फ़ाइल को ACII फ़ॉर्मेट में टैक्स्ट मोड में एक्सपोर्ट करें तथा रूपांतर नामक फ़ॉन्ट परिवर्तक से ACII से यूनिकोड में परिवर्तित करें.
@ M VERMA जी,
ReplyDeleteविन्डोज लाइव राइटर वह साफ़्टवेयर है जिससे आप आफ़लाइन रहते हुए भी हिंदी में टाइप कर सकते हैं और बाद में सामग्री ब्लाग पर प्रकाशित कर सकते हैं.
@ Raviratlami जी,
बात आपकी एकदम दुरूस्त है, शीर्षक के अतिरिक्त सर्च इंजन कुछ भी नहीं देख पाएंगे पर 'रूपांतर' द्वारा परिवर्तित फ़ाइल का हश्र पढ़ते समय दुरूह दीखता है 100% शुद्धता की बात पर तो कोई मतभेद हो ही नहीं सकता.
हिन्दी टूलकिट के जरिए आप आफलाईन लेखन का काम कर सकते हैं और कोई परेशानी भी नहीं आएगी तथा इसे कैसे इंस्टाल किया जाए। इस संबंध में एक पोस्ट नुक्कड़ पर लगाई गई थी देखिए इसमें स्नैप शाट भी दिए गए हैं
ReplyDeletehttp://nukkadh.blogspot.com/2009/09/blog-post_22.html
आपकी युक्ति कारगर है, पर इंडेक्सिंग न होना तो ठीक नहीं ।
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