अमरीका के कोलरैडो विश्वविद्यालय के अधीन की गई शोध में यह बात सामने आई है कि आपका फ़व्वारे के नीचे नहाना बहुत घातक हो सकता है. शोध-टीम ने न्यू यार्क, इल्लिनोयड, कोलरैडो, टेनैस्सी, उत्तरी डकोटा, शिकागो और डेन्वर शहरों में फ़व्वारों के मुहानों का परीक्षण किया जिसमें पाया कि लगभग 30% में माइकोबैक्ट्रियम पैथोजिन जीवाणु पाए गए. माइकोबैक्ट्रियम पैथोजिन जीवाणु उन लोगों को प्रभावित करते हैं जिनकी रोगरोधक क्षमता कमज़ोर होती है, लेकिन ये स्वस्थ व्यक्ति को भी प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं. माइकोबैक्ट्रियम पैथोजिन फेफड़ों की बीमारियों को जन्म देते हैं. |
फ़व्वारों के मुहानों को ब्लीचिंग घोल से साफ करने के तीन महीने बाद ये पाया गया कि इन जीवाणुओं में प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न हो गई है. यही जीवाणु शावर के पर्दों और तरणातालों में भी पाए गए. ऐसे में भलाई इसी में है कि नहाने की आदतों में सुधार करते हुए तरणतालों और फ़व्वारों के नीचे नहाने से बचा जाए. |
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-काजल कुमार |
चित्र: साभार इंटरनेट |
Sunday, September 20, 2009
फ़व्वारे से नहाना घातक है
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उपयोगी जानकारी बाँटने का आभार।
ReplyDeleteयानि फव्वारे भी हमारे काम के नहीं !!
ReplyDeleteबढ़िया जानकारी दी | वैसे हम तो ठहरे देसी आदमी कभी फव्वारे का इस्तेमाल करते ही नहीं , नहाने के लिए डिब्बा बाल्टी जिंदाबाद !
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