यदि
आप फ़ोन ख़रीदने का मन बना रहे
हैं तो सैमसंग व सोनी अच्छे
नाम है.
इनके
फ़ोन/क़ीमत
की रेंज बहुत ज़्यादा है.
इनमें
आपको अपनी पसंद के हिसाब से
फ़ोन ज़रूर मिल जाना चाहिए.
इसके
अलावा आप कार्बन और माइक्रोमेक्स
भी देख सकते हैं इनके फ़ोन भी
उतने ही अच्छे हैं,
इन
दोनों कंपनियों के फ़ोन सैमसंग
व सोनी से सस्ते मिलेंगे.
बैस्ट
तरीक़ा इंटरनेट पर सर्च ही
है जहां आपको लगभग हर मॉडल
के विस्तृत Specification
व
कीमत की जानकारी मिलेगी.
मेरी
पसंद के फ़ोन में कम से कम ये
सब तो होना चाहिए :-
बड़ा
कैपेस्टिव टच स्क्रीन जो 4
इंच
से कम तो नहीं ही हो
नवीनतम
एंड्रायड ऑपरेटिंग
सिस्टम
2
सिम
कार्ड और 32
जीबी
एसडी कार्ड स्लॉट
कैमरा
5
मेगापिक्सल
से कम न हो
बैटरी
का mAhऔर
प्रोसेसर की पॉवर
जितनी ज्यादा हो उतना बेहतर
व
क़ीमत
और
वज़न जितना कम उतना ही अच्छा
जिन
फ़ोन में ऊपर लिखे फ़ीचर होंगे
उनमें आमतौर से 3G/
वीडीयो/
संगीत/
ब्लूटूथ/
वाई
फ़ाई आदि की सुविधा तो होती
ही है.
सवाल
टैबलेट (टैब)
और
स्मार्टफ़ोन
के बीच अंतर का भी उठता है.
इनमें
बस दो ही अंतर हैं :-
एक,
बड़ा
स्क्रीन होने के कारण टैबलेट
(टैब)
को
आमतौर से पढ़ने के लिए प्रयोग
किया जाता है जबकि स्मार्टफ़ोन
का मुख्य उद्देश्य फ़ोन का
काम करना है.
जबकि
सच्चाई यह है कि दोनों में ही
सभी फ़ंक्शन एक से ही होते हैं
यहां तक कि आप टैबलेट
से फ़ोन की तरह बात भी कर सकते
हैं.
मुझे
व्यक्तिगत तौर पर वह टैब पसंद
नहीं जिनमें 3G
सुविधा
सिम के बजाय डोंगल से दी जाती
हो.
दूसरा
है साइज़,
7 इंच
या इससे बड़े साइज़ के उपरण
को टैबलेट (टैब)
कहा
जाता है जबकि इससे छोटे स्क्रीन
वाले फ़ोन को स्मार्टफ़ोन.
जिन
फ़ोन में उपरोक्त पैरे वाली
ख़ूबियां नहीं होतीं उन्हें
आजकल केवल फ़ोन कहते हैं.
आजकल,
5 इंच
से 7
इंच
के बीच के साइज़ वाले सक्रीन-फ़ोन
को फ़ैबलेट कहने का रिवाज़
भी चल निकला है यानि,
फ़ोन+
टैबलेट
शब्दों का सम्मिश्रण.
टैब
या स्मार्टफ़ोन की मैमोरी
बहुत कम होती है इसका मतलब है
कि इनके लिए बनाए जाने वाले
साफ़्टवेयर में वे सभी फंक्शन
नहीं हो सकते जो हम डेस्कटॉप
वगैहरा पर प्रयोग करते आए हैं.
आजकल
फ़ोन का जीवनकाल 2
से
3
साल
तक माना जाता है इस दौरान आमतौर
से इनमें कोई बहुत बड़ी दिक़्कत
नहीं आती पर कभी कोई पीस ही
ख़राब निकल आए तो वह दुर्भाग्य
ही होगा.
इसलिए
आप अपनी पसंद का फ़ोन ख़रीदें
बहुत चिंता की ज़रूरत नहीं.
00000
फोन आदत बन जाता है, दो साल तो बड़े कम हुये।
ReplyDeleteऔर 24 महीने बहुत ज्यादा :-)
ReplyDeleteApni to blogging bhi mobile ke hawaale hai...
ReplyDeleteसही बात...
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