वह भी एक ज़माना था
कि लोग कुछ भी याद रखने के लिए पल्लू-रूमाल में गॉंठें लगा लिया करते थे. फिर
पर्चियों पर लिख कर रख लेने का समय आया. आज समय बदल गया है, मोबाइल फ़ोन रखना आम
बात है और हम याद रखने वाली बातों को मोबाइल में ही नोट/रिकार्ड करने लगे हैं.
तरीक़ा है तो ये अच्छा पर इसमें किसी भी नोट को ढूंढना थोड़ा विकट होता है, ठीक
वैसे ही जैसे रूमाल में लगी गॉंठों में से यह पता लगाना कि कौन सी गॉंठ किस बात
के लिए लगाई थी.
इस दुविधा से निज़ात
पाने के लिए ‘एवरनोट’ एक बढ़िया मुफ़्त सॉफ़्टवेयर है. यह एंड्रायड और iOS वाले, दोनों प्रकार के मोबाइल के लिए उपलब्ध है. इसी तरह यह विंडो और मैक डैस्कटॉप/लैपटॉप
के लिए भी उपलब्ध है.
मोबाइल पर ‘एवरनोट’ इंस्टॉल करने के बाद आप स्वयं को इसकी साइट पर रजिस्टर कर लें, यह बस 4
लाइन का रजिस्ट्रेशन है. रजिस्ट्रेशन से लाभ यह होगा कि आप जो कुछ भी इसमें
सहेजेंगे वह ‘एवरनोट’ के सर्वर पर चला जाएगा. इसके बाद, ‘एवरनोट’ के सर्वर से वह
सामग्री आप कहीं भी रहकर देख सकते हैं/ अपडेट कर सकते हैं, शर्त यही है कि उस मोबाइल/
डैस्कटॉप / लैपटॉप/ टैबलेट इत्यादि पर भी यही सॉफ़्टवेयर हो. अर्थात् मोबाइल अगर
आपके नज़दीक नहीं है तो आप अपने डैस्कटॉप से भी ‘एवरनोट’ की सामग्री देख सकते हैं.
‘एवरनोट’ के सर्वर पर समग्री होने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि जब भी कोई दूसरा
उपकरण इस सर्वर से sync होता है तो यह सामग्री उसपर भी अपडेट हो जाती है, इसलिए यदि आप ऑनलाइन न भी
हों तो भी आपके ऑफ़लाइन-मोड-मोबाइल में तो वह जानकारी रहेगी ही.
इसमें सबसे बड़ी
सुविधा, किसी भी जानकारी को टैग देने व टैग से ढूंढने की है. बस आप सर्च में टैग
शब्द लिखिए और उस सामग्री तक आराम से पहुँचिए. इसमें आप चित्र, वैब जानकारी
इत्यादि भी एकत्रित कर सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए ‘एवरनोट’ की अधिकारिक
वेबसाइट यहां देख सकते हैं आप.
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Behtreen Jaankaati Kajal bhai...
ReplyDeleteएप्पलजी ने आईक्लॉउड में यह व्यवस्था कर रखी है..
ReplyDelete.सराहनीय अभिव्यक्ति .गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें
ReplyDeleteफहराऊं बुलंदी पे ये ख्वाहिश नहीं रही .
कई ब्लोगर्स भी फंस सकते हैं मानहानि में …….