Sunday, July 19, 2009

संभवत: गूगल क्रोम, विंडोज़ और लीनक्स को मिटा देगा …

गूगल कंपनी, साल भर में ‘गूगल क्रोम ऑपरेटिंग सिस्टम’ लाने वाली है जो संभवत: 2010 के मध्य किसी समय आएगा. ऐसी संभावनाऐं व्यक्त की जा रहीं हैं कि यह ऑपरेटिंग सिस्टम बाकी सभी प्रतियोगियों को बाज़ार से बाहर कर देगा. इससे संबंधित जो बातें सुनने में आ रही हैं उन्हें यूं समझा जा सकता है:-

 

यह ऑपरेटिंग सिस्टम ओपन सोर्स आधारित होगा यानी यह मुफ़्त तो होगा ही इसमें प्रयोक्ता जैसा चाहे वैसा बदलाव भी कर सकेगा.

इसे ज़ीरो बूट टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम कहा जा रहा है यानि कंप्यूटर स्टार्ट होने में उतना ही समय लेगा जितना समय कंप्यूटर DOS के दिनों में लिया करते थे.

यह कंप्यूटर-संसाधनों की दृष्टि से बहुत हल्का और हैंग न होने वाला imageऑपरेटिंग  सिस्टम होगा.

इसके लिए लिखे जाने वाले एप्लीकेशंस दूसरे ऑपरेटिंग सिस्टम पर भी चल सकेंगे जबकि आज लीनक्स के और विंडोज़ के एप्लीकेशंस एक दूसरे पर नहीं चलते हैं.

इस ऑपरेटिंग सिस्टम पर अलग से ब्राउज़र की ज़रूरत नहीं रहेगी जैसे कि आज फ़ायरफ़ाक्स, एक्सप्लोरर आदि की ज़रूरत रहती है. गूगल क्रोम ब्राउज़र इस ऑपरेटिंग सिस्टम का ही एक हिस्सा हो जाएगा, जबकि अभी यह अलग से बाज़ार में उतारा गया है.

यह ऑपरेटिंग सिस्टम इंटनेट को ध्यान में रख कर बनाया गया है.

इसे पुराने 286 से लेकर लैपटाप सहित किसी भी नवीनतम कंप्यूटर पर चलाया जा सकेगा.

इसे अलग से एंटी-वायरस और अपडेट्स की ज़रूरत नहीं होगी और न ही नए नए हा्र्डवेयर के लिए ड्राइवरज़ की, क्योंकि गूगल इस ऑपरेटिंग सिस्टम को लगातार अपडेट करने की बात कर रहा है.

 

आशा करनी चाहिए कि गूगल ने लीनक्स की लोकप्रियता न बढ़ने के कारणों से सीख ली होगी. लीनक्स मुफ़्त होने के बावजुद आजतक विंडोज़ का स्थान नहीं ले पाया जबकि शुरू-शुरू में ऐसे दावे किए गए थे. यदि गूगल इन बातों का ध्यान रख कर उन सभी विषेशताओं को समाहित कर सके जिनके बारे में जानकार कह रहे हैं तो, यह बात निश्चित है कि माइक्रोसोफ़्ट-विंडोज़ और लीनक्स के दिन अब लदने ही वाले हैं. बाक़ी …. आगे आगे देखिए होता है क्या.

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6 comments:

  1. जी हाँ हो सकता है कि आपकी भविष्यवाणी सच हो..
    क्या आज से ५ साल पहले किसी ने सोचा था कि माइक्रोसोफ़्ट को कोई टक्कर दे पायेगा पर गूगल ने कर दिखाया ।

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  2. अभी यह कहना जल्दबाजी होगी. नए ऑपरेटिंग सिस्टम कई दिक्कतें भी पैदा कर देते हैं. उनके लिए सपोर्ट फोरम भी नहीं मिलता. और फिर माइक्रोसोफ्ट ने कच्ची गोलियां नहीं खेली हैं.
    इंतजार तो मुझे भी रहेगा इस ओ एस के आने का.
    जानकारी देने के लिए शुक्रिया.

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  3. देखिए आगे आगे क्या होता है बहरहाल कम्पूटर उपभोक्ताओं के लिए तो फायदा ही फायदा होगा |

    अब तो लिनक्स में भी विण्डो की कई एप्लीकेशन चलाई जा सकती है में भी उबुन्टू लिनक्स में एडोब फोटोशोप के साथ कई विण्डो एप्लीकेशंस का इस्तेमाल करता हूँ |

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  4. शेकखावत जी आप लीनक्स में किन-2 विण्डो एप्लीकेशंन्स का प्रयोग करते हैं कृपया नाम बताएं । धन्यवाद....पुण्डीर

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  5. लीनक्स व माइक्रोसोफ्ट के बीच कृपया भेद (comparison) कीजिए। काौन सा आपरेटिंस सोफ्टवेयर उपयुक्त हैं (होम यूज के लिए)। ...पुण्डीर

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