अमेरिका के राष्ट्रपति ने लगभाग 10,000 करोड़ रूपये के बराबर धनराशि सौर ऊर्जा क्षेत्र में कार्य के लिए स्वीकृत की है. इस राशि से नए बिजलीघर स्थापित किये जाएंगे. भारत में भी एक सौर ऊर्जा मंत्रालय है जिसके मंत्री श्री फ़ारूख़ अबदुल्ला हैं. क्या कभी भारत भी इस क्षेत्र में कोई महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करेगा ! |
क्या आप जानते हैं कि माइक्रोसो़फ़्ट की मंशा, बाज़ार में दो मोबाइल फ़ोन लाने की थी. इनका नाम “किन” रखा गया है. लेकिन अब इसने साफ़ किया है कि ये फ़ोन केवल अमेरिका तक ही सीमित रहेंगे. क्या माइक्रोसोफ़्ट को आत्मबोध हो गया है कि हार्डवेयर इसके बस की बात नहीं? | |
बच्चों को आगे बढ़ाने की अंधी दौड़ केवल भारत के ही मध्यवर्ग में नहीं है, अमेरिकी भी इसमें पीछे नहीं हैं. लेकिन वे केवल पढ़ाई के लिए जान देने में ही विश्वास नहीं करते बल्कि उन्होंने एक नया तरीक़ा अपनाया है और वो है बच्चों की पैदाइश ही निर्धारित कर लेना. इस दिशा में, आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि अपुष्ट समाचारों के अनुसार, वहां एक शुक्राणु बैंक की स्थापना की गई है जिसमें नोबल पुरूस्कार विजेताओं के शुक्राणु रख गए हैं जिन्हें भावी माताएं अच्छे बच्चे पैदा करने के लिए प्रयोग कर रही हैं. |
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-काजल कुमार |
I like the last news.
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